Mukhyamantari Adivasi Parab Samman Nidhi Yojana:
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 26 जनवरी को एक नई योजना Mukhyamantari Adivasi Parab Samman Nidhi Yojana का ऐलान किया था। ।इस योजना के तहत, राज्य के सभी गांवों में आदिवासी पर्वों और त्यौहारों का आयोजन किया जाएगा। ग्राम पंचायतों को इसके लिए अनुदान दिया जाएगा।
योजना के कार्यान्वयन के लिए, बस्तर संभाग के 1840 गांवों को 5-5 हजार रुपए की अनुदान दी गई है। इस धन का उपयोग आदिवासी त्यौहारों को मनाने में किया जा सकेगा। यह घोषणा भरोसे के सम्मेलन में की गई थी, जिसमें विशेष अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी भी शामिल थीं।Mahatma Gandhi Rural Industrial Park Yojana
Mukhyamantari Adivasi Parab Samman Nidhi Yojana 2024
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 13 अप्रैल को जबलपुर में एक बड़े सम्मेलन में Mukhyamantari Adivasi Parab Samman Nidhi Yojana का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत, गाँवों को पैसे दिए जाएंगे ताकि वे अपने आदिवासी पर्व और त्यौहार मना सकें। मुख्यमंत्री ने इस सम्मेलन में 1840 गाँवों को पहली किस्त के रूप में पांच-पांच हजार रुपये दिए।
इस योजना को सभी अनुसूचित क्षेत्रों में लागू किया गया है। 2023-24 के बजट में इसके लिए 5 करोड़ रुपये का विशेष बजट रखा गया है। इस योजना के तहत, गाँव स्तरीय निकायों की गठन होगी ताकि यह सफलतापूर्वक चल सके। इस योजना से हर साल गाँवों में जनजातियों के उत्सवों को बड़े ढंग से मनाया जा सकेगा।CG RTE Admission 2024-25
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के बारे में जानकारी
योजना का नाम | Mukhyamantari Adivasi Parab Samman Nidhi Yojana |
योजना का शुभारंभ | छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा |
लाभार्थी | राज्य के सभी अनुसूचित जनजाति के लोग |
उद्देश्य | आदिवासियों के तीज त्योहारों की संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करना |
बजट राशि | 5 करोड़ रुपए |
प्रदान की जाने वाली सहायता | आदिवासी समाज के पर्वों को मनाने के लिए 10 हजार रुपए की अनुदान राशि |
राज्य | छत्तीसगढ़ |
साल | 2024 |
CG Mukhymantari Adivasi Parab Samman Nidhi Yojana का उद्देश्य
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य आदिवासियों के त्योहारों की संस्कृति और परंपरा को बचाना और उनके उत्सव को सुरक्षित करना है। इससे आने वाली पीढ़ियों को उनकी संस्कृति का पता चले। सरकार हर गाँव को हर साल 10,000 रुपये का सहायता देगी। यह योजना पूरे राज्य में लागू होगी। ताकि सभी आदिवासी त्योहारों को धूमधाम से मना सकें।
मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना में शामिल त्योहार
- मेला
- मड़ई
- जात्रा पर्व
- सरना पूजा
- देव गुड़ी
- छेरछेरा
- अक्ती
- नवाखाई
- हरेली आदि।
हर साल पारंपारिक त्यौहारों के लिए मिलेंगे 10 हजार रुपए
हर साल, अनुसूचित क्षेत्र में जनजातियों के उत्सव को मनाने के लिए मुख्यमंत्री आदिवासी तरफ से सम्मान निधि योजना के अंतर्गत ग्रामों को आर्थिक सहायता मिलेगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत को हर साल 10 हजार रुपए की अनुदान दी जाएगी। यह धन दो किस्तों में दिया जाएगा, पहली किस्त 5000 ग्राम पंचायतों को मिली है। इस पैसे से ग्राम पंचायत आदिवासी पर्व और त्यौहारों का आयोजन कर सकती है।
योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्तरीय शासी निकाय और अनुभाग स्तरीय शासी निकाय का किया जाएगा गठन
मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के काम करने वाले अधिकारी जनपद पंचायत के होंगे। योजना के लाभ गाँवों को मिलेंगे। इस योजना को चलाने के लिए गाँव के अध्यक्ष और सरपंच काम करेंगे। उनमें से कुछ लोग गायक, पुजारी, और बैगा सदस्य भी होंगे। और फिर, गाँव के शासकीय निकाय में बुजुर्ग, महिला, ग्राम कोटवार, पटेल, और सचिव भी होंगे। इन सभी लोगों की भूमिका योजना में बहुत महत्वपूर्ण होगी।
इस प्रकार होगा योजना के पैसों का इस्तेमाल
मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत, जनपद स्तरीय शासी निकाय में कुछ विभागीय अधिकारी होंगे। इनमें से कुछ लोग अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालन अधिकारी होंगे, जबकि अन्य कुछ लोग जनपद पंचायत के सदस्य सचिव, जनपद पंचायत के अध्यक्ष, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, और तहसीलदार सदस्य होंगे। इन लोगों की मुख्य जिम्मेदारी होगी कि गाँव में योजना की राशि कैसे लागू की जाए। यह निर्धारण गाँव स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। Mukhyamantari Adivasi Parab Samman Nidhi Yojana के क्रियान्वयन के लिए, जनपद स्तर पर जनपद स्तरीय शासी निकाय की जिम्मेदारी होगी कि सभी चीजें सही तरीके से चल रही हों।
Mukhyamantari Adivasi Parab Samman Nidhi Yojana के लाभ एवं विशेषताएं
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने 13 अप्रैल 2023 को आदिवासी परव और त्यौहारों को मनाने के लिए एक नई योजना का आरंभ किया।
- इस योजना के तहत, सरकार गांवों को पैसे देगी ताकि वे आदिवासी परव और त्यौहार मना सकें।
- हर साल, योजना के अंतर्गत आदिवासी समुदाय को 10,000 रुपए मिलेंगे ताकि वे अपने परव मना सकें।
- यह पैसा गांवों को 5-5 हजार रुपए के दो बार मिलेगा।
- इस योजना के शुरूआती चरण में, 1840 गांवों को पहली किस्त 5000 रुपए की दी जा चुकी है।
इस पैसे का उपयोग अनुसूचित क्षेत्रों में जनजातियों के उत्सवों, मेलों, पर्वों, और अन्य त्योहारों में होगा। - इससे उनकी संस्कृति और परंपरा की रक्षा होगी।
- यह योजना आर्थिक सहायता प्रदान करके आदिवासी समुदाय के त्यौहारों को महत्वपूर्ण बनाएगी और भेदभाव को दूर करेगी।
- इसके लिए, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी योजना का कार्यान्वयन करेंगे।
- 2023-24 के बजट में, इस योजना के लिए 5 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
- इस योजना से आदिवासियों को उनके त्यौहारों को बड़े पैमाने पर मनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया?
यह योजना 13 अप्रैल को छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई थी, लेकिन आवेदन प्रक्रिया और आधिकारिक वेबसाइट अभी तक राज्य सरकार द्वारा जारी नहीं की गई है। जैसे ही राज्य सरकार इस योजना के बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक करेगी हम उसे इस लेख के माध्यम से आपको उपलब्ध करा देंगे।
Conclusion:
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